नारायण प्रताप सिंह स्मृति महाविद्यालय, रायबरेली-डलमऊ संपर्क मार्ग पर स्थित एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है, जो हरियाली से आच्छादित शांत एवं सुरम्य वातावरण में स्थित है। यह स्थान छात्रों के अध्ययन और सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत अनुकूल है।
इस महाविद्यालय की स्थापना स्वर्गीय श्री नारायण प्रताप सिंह जी की पुण्य स्मृति में की गई थी। वे एक दूरदर्शी, शिक्षाप्रेमी एवं समाजसेवी व्यक्ति थे, जिनका उद्देश्य ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना था। उनकी प्रेरणा से इस संस्थान की नींव रखी गई, ताकि क्षेत्र के विद्यार्थियों को अपने ही क्षेत्र में उत्कृष्ट शैक्षणिक अवसर प्राप्त हो सकें।
स्थानीय समुदाय की शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, महाविद्यालय की स्थापना छात्रों की प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के उपरांत की गई। यह सुनिश्चित करता है कि छात्र प्रारंभिक शिक्षा के बाद उच्चतर अध्ययन हेतु सहज रूप से इस महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त कर सकें।
महाविद्यालय ने अपने शैक्षणिक सत्र 2016-2017, 2017-2018 एवं 2018-2019 को सफलता पूर्वक पूर्ण किया है। इन वर्षों में संस्था ने अकादमिक गुणवत्ता और अनुशासित शिक्षण प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थियों की सफलता का मार्ग प्रशस्त किया है। विशेष रूप से, इन सत्रों में महाविद्यालय का परीक्षा परिणाम औसतन 92% रहा है, जो इस बात का प्रमाण है कि संस्थान विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और अकादमिक उत्कृष्टता के लिए निरंतर प्रयासरत है।
महाविद्यालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि नैतिक मूल्यों, सांस्कृतिक गतिविधियों, खेलकूद एवं व्यक्तित्व विकास जैसे क्षेत्रों में भी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करता है। यहां का कुशल, अनुभवी एवं समर्पित शिक्षकीय स्टाफ प्रत्येक छात्र को व्यक्तिगत ध्यान देता है, जिससे उनकी क्षमताओं का पूर्ण विकास सुनिश्चित किया जा सके।
नारायण प्रताप सिंह स्मृति महाविद्यालय आने वाले वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने हेतु संकल्पबद्ध है और अपनी स्थापना के उद्देश्यों पर दृढ़तापूर्वक अग्रसर है।